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समाजसमाज

समाज क्या है ?

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जिसका मतलब है हम सभी लोग समाज में रहते हैं। समाज ही मानव जीवन का आधार है, क्योंकि इसमें व्यक्तियों और एक-दूसरे के साथ संबंध स्थापित होते हैं, जिससे समूह और समाज का निर्माण होता है।

समाज एक समूह है, जिसमें लोग एक-दूसरे के साथ जुड़े होते हैं। यह लोगों के बीच संबंधों के माध्यम से बनता है। समाज में रहना मनुष्य की प्राकृतिक इच्छा है, जो उसे दूसरे लोगों के साथ मिलकर संबंध बनाने की संवेदनशीलता प्रदान करती है।

समाज में लोग एक-दूसरे के साथ संबंध बनाते हैं और सामाजिक नियमों, मान्यताओं और मूल्यों का पालन करते हैं। समाज एक संरचित तंत्र है जो सभी व्यक्तियों को एकसाथ रहने और सहयोग करने की अनुमति देता है। समाज लोगों को एक साथ जीवन कायम करने में मदद करता है, साझा समस्याओं का समाधान करने में सहायता प्रदान करता है और सामाजिक संरचना के अंतर्गत विभिन्न समूहों के अनुभवों को समाप्त करता है।

समाज सेवा एवं समाज कार्य में अंतर

समाज व्यक्तियों को उनके साथी और परिवार के साथ संबंध बनाने, समाजिक अधिकारों का प्रभावी रूप से उपयोग करने, सामाजिक न्याय को सबल बनाने, विकास को समर्थन करने और लोगों को सहायता प्रदान करने में मदद करता है। समाज एक समरसता और एकता की भावना का निर्माण करता है जो समृद्धि और समाजिक प्रगति को सुनिश्चित करता है ।

समाज का अर्थ

“समाज” शब्द सामान्य भाषा में लोगों के समूह या संगठन को संक्षेप्त रूप से दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक व्यक्ति से नहीं, लोगों के बीच उत्पन्न होने वाले रिश्तों से संबंधित है। समाज एक भौतिक या संगठनात्मक स्वरूप नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन में संबंधों, मूल्यों, आदर्शों, संहिताओं आदि के जाल को संक्षेप्त रूप से व्यक्त करता है। इसलिए समाजशास्त्र में “समाज” का उपयोग एक व्यक्ति से जुड़े रिश्तों को नहीं, बल्कि समूही संगठन को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

समाज, सामाजिक एकता और संगठन के रूप में व्यक्तियों का एक समूह होता है जो विशेष समूहीय संरचना, संस्कृति, आचार-विचार, साझा इतिहास और सामाजिक आदर्शों को साझा करता है। समाज एक संगठित समूह होता है जिसमें लोग भाषा, संस्कृति, धर्म, भूमि, जाति, व्यवसाय, राजनीति, आदि के आधार पर एक साथ रहते हैं ।

समाज

समाज की परिभाषा

“समाज सामाजिक संबंधों का जाल है”

मैकाइवर एवं पेज

“समाज स्वयं एक संग है एक संघ है, संगठन है, औपचारिक संबंधों का योग है, जिसमें परस्पर संबंध रखने वाले लोगों एक साथ संगठित होते हैं

गिडिग्स

“जब सामाजिक संबंधों की एक व्यवस्था पनपती है तभी हम उससे समाज कहते हैं”

किन्ग्सेल डेविस

“यह ध्यान देने योग्य बात है कि सामाजिक संबंध ही समाज नहीं है | बल्कि जब सामाजिक संबंधों की एक व्यवस्था होती है, तब उसे समाज कहा जाता है”

के. डेविस

समाज उन व्यक्तियों का समूह है जो अंतः क्रिया द्वारा संबंधित है

जार्ज सिमेल
समाज के प्रकार

समाज की विशेषताएं

  1. सामाजिक संगठन: समाज में लोग सामाजिक संगठनों में सम्मिलित होते हैं, जो उन्हें संबंधित वर्ग, जाति, या शिक्षा के अनुसार गठित होते हैं।
  2. सामाजिक नैतिकता: समाज में नैतिकता और मानवीय मूल्यों का पालन होता है जो व्यक्तियों के अच्छे व्यवहार और उच्च मूल्यों की प्रोत्साहना करता है।
  3. समाजिक भाषा और संस्कृति: समाज एक विशेष भाषा, संस्कृति, और आचार-विचार को साझा करता है, जो उन्हें समृद्ध और समरस बनाता है।
  4. सामाजिक न्याय: समाज में न्याय के प्रति विशेष संवेदनशीलता होती है और सभी व्यक्तियों को इसका भागीदार बनाता है।
  5. सामाजिक समरसता: समाज विभिन्न वर्गों और समूहों के बीच समरसता और एकता का विकास करता है।
  6. समाजवाद: समाज में समाजवाद के मूल्यों और सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार होता है, जो समृद्धि के लिए समाज में समानता और न्याय की स्थापना करता है।
  7. सामाजिक आदर्श: समाज में आदर्शों के विकास और प्रोत्साहना से सभी व्यक्तियों को प्रेरित किया जाता है।
  8. सामाजिक सहायता: समाज में लोग एक-दूसरे की मदद और सहायता करते हैं, जिससे सामाजिक संरचना में सद्भावना और समरसता बनी रहती है।
  9. सामाजिक संप्रदाय: समाज में विभिन्न संप्रदाय और समुदाय होते हैं, जो अपनी खासतौर परंपराओं, धरोहर, और संस्कृति को साझा करते हैं।
  10. समाज में विकास: समाज विभिन्न रूपों में विकास करता है, जिससे लोगों के जीवन में सुधार होता है और समृद्धि का साधना होती है।

‘समाज अमूर्त है’

“समाज अमूर्त है” का अर्थ है कि समाज एक भौतिक या वास्तविक रूप में दिखाई नहीं देता है। यह किसी एक स्थान पर नहीं होता है और न तो इसका कोई विशेष सार्वभौमिक रूप होता है। समाज का वास्तविक स्वरूप नहीं होता, बल्कि यह व्यक्तियों के संबंधों, संस्कृति, रूझानों, और सामाजिक अनुभवों का एक संगठित जाल होता है।

इसके बदले में, समाज एक संबंधात्मक, भावनात्मक और मानवीय संगठन है जिसमें व्यक्तियों के बीच संबंधों का नेटवर्क होता है। समाज में लोग साझा मूल्य, धरोहर, संस्कृति, और आचार-विचार को समर्थन करते हैं, जिससे एक एकता और समरसता का वातावरण बनता है। समाज एक अभिव्यक्ति शैली नहीं है, बल्कि विभिन्न व्यक्तियों और समूहों के संबंधों की एक व्यवस्था है जो मानव जीवन के सभी पहलुओं को समावेश करती है।

FAQs

  1. समाज क्या है ? उत्तर: समाज व्यक्तियों का संगठित समूह है जो व्यक्तियों के साझा संस्कृति, मूल्य, और संबंधों को साझा करता है।
  2. समाज के लाभ क्या हैं ? उत्तर: समाज में लोग एक-दूसरे से सहयोग, सामाजिक आदर्शों का पालन करने, और साझा समस्याओं का समाधान करने में मदद करते हैं।
  3. समाज के प्रमुख अंग कौन-कौन से हैं ? उत्तर: समाज के प्रमुख अंग हैं – परिवार, समूह, संस्थान, संस्कृति, और न्याय व्यवस्था।
  4. समाज कैसे बदलता है ? उत्तर: समाज के बदलाव का कारण विभिन्न कारकों, जैसे तकनीकी प्रगति, सामाजिक परिवर्तन, राजनीतिक परिवर्तन, और व्यक्तिगत अनुभव हो सकता है।
  5. समाज की संरचना क्या होती है ? उत्तर: समाज की संरचना व्यक्तियों के समूह, संगठन, और संस्थानों के संबंधों को व्यवस्थित करती है।
  6. समाज के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं ? उत्तर: समाज के विभिन्न प्रकार हैं – ग्रामीण समाज, शहरी समाज, जाति-धर्म समाज, धार्मिक समाज, आदि।
  7. समाज के लोग क्या करते हैं ? उत्तर: समाज के लोग सामाजिक गतिविधियों, रोजगार, शिक्षा, संगठन, और समस्या के समाधान में संलग्न होते हैं।
  8. समाज का उद्देश्य क्या होता है ? उत्तर: समाज का उद्देश्य सामाजिक समरसता, विकास, सामाजिक न्याय, और समृद्धि को सुनिश्चित करना होता है।
  9. समाज के प्रमुख संघर्ष क्या होते हैं ? उत्तर: समाज के प्रमुख संघर्ष विभिन्न वर्गों और समूहों के बीच समानता, स्वाधीनता, और समाजिक बदलाव के लिए होते हैं।
  10. समाज का महत्व क्या है ? उत्तर: समाज मानव जीवन के एक अभिन्न अंग है, जो व्यक्तियों को साझा समस्याओं का समाधान करने और सहयोग करने की संवेदनशीलता प्रदान करता है।